वापसी पर वापसी पर
पानी इतना भी गहरा ना था कि मैं वापस ना आ सका। पानी इतना भी गहरा ना था कि मैं वापस ना आ सका।
वापसी का दिखता, अब ना कोई रास्ता है। वापसी का दिखता, अब ना कोई रास्ता है।
दुश्मन के सख़्त शिकंजे से एक वीर वापस लौटा है। दुश्मन के सख़्त शिकंजे से एक वीर वापस लौटा है।
वह ना तो कभी वजाहत करती है और ना कभी कोई सवाल भी वह ना तो कभी वजाहत करती है और ना कभी कोई सवाल भी
जब खिलेगी मेरी खुशियाँ इस तोहफे से आजाद होकर। जब खिलेगी मेरी खुशियाँ इस तोहफे से आजाद होकर।